हमले के लिए 315 बोर व 311 बोरदेशी पिस्टल का इस्तेमाल किया गया है.
घटना को सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया.
चार लेखपालों समेत कुल 12 संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है
कानपुर 10, मार्च, 2025
10, मार्च, 2025 सीतापुर के पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई की हत्या एक गंभीर एवं चिंताजनक है। शनिवार, 30 सितंबर 2023 को, उन्हें दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह घटना सीतापुर-लखनऊ राष्ट्रीय उच्च मार्ग (NH-30) पर इमलिया सुल्तानपुर के हेमपुर रेलवे क्रॉसिंग के पास हुई थी। हमलावरों ने राघवेंद्र की बाइक को टक्कर मारने के बाद उन पर अंधाधुंध फायरिंग की, जिससे उनकी मौत हुई.
हत्या के बाद पुलिस ने मामले की जांच तेज कर दी है। सूचना के आधार पर चार लेखपालों समेत कुल 12 संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है, जिनमें से कुछ को हिरासत में लिया गया है इसके अलावा, इलाके में सक्रिय CCTV फुटेज भी देखे जा रहे और 18,000 मोबाइल नंबरों की जांच की जा रही है
राघवेंद्र ने हाल ही में धान खरीद में भ्रष्टाचार और जमीन खरीद-फरोख्त के मामलों को उजागर करने वाली कई खबरें प्रकाशित की थीं। यह माना जा रहा है कि इन रिपोर्टों के कारण उन्हें जान से मारने की धमकी मिली थी, जिन्हें उन्होंने अपने परिजनों के साथ साझा किया था । क्षेत्र के लोगों में भारी आक्रोश है। राघवेंद्र के परिवार ने उनके अंतिम संस्कार से पहले पुलिस कार्रवाई की मांग की थी। प्रदर्शन के दौरान परिजनों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई थानाप्रभारी और अन्य अधिकारियों ने आईजी रेंज प्रशांत कुमार से मुलाकात कर जमीनी स्थिति की जानकारी ली। उपमुख्यमंत्री ने वादा किया है कि सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा).
हत्या की घटना से पहले के CCTV फुटेज में राघवेंद्र की बाइक के पीछे एक काले रंग की थार कार और दो बाइक सवार युवक दिख रहे उनके पीछे दिख रहे हैं, । यह संकेत देता है कि हमलावर पहले से ही राघवेंद्र का पीछा कर रहे थे).
इस मामले की तात्कालिकता को देखते हुए, पुलिस ने इसके अनावरण के लिए चार विशेष जांच टीमें गठित की हैं। अदालत में मामला त्वरित सुनवाई के लिए भेजा जाएगा, और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी
राघवेंद्र बाजपेई की हत्या एक गंभीर अपराध है जो पत्रकारिता की स्वतंत्रता और सुरक्षा को प्रभावित करता है। यह घटना केवल व्यक्तिगत हानि नहीं है, बल्कि समाज की स्थिति और कानून-व्यवस्था पर प्रश्न उठाती है। मामले की तेजी से सुनवाई और न्याय की उम्मीद की जाती है ताकि ऐसे अपराधों को रोका जा सके।
हत्या के बाद पुलिस ने मामले की जांच तेज कर दी है। सूचना के आधार पर चार लेखपालों समेत कुल 12 संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है, जिनमें से कुछ को हिरासत में लिया गया है इसके अलावा, इलाके में सक्रिय CCTV फुटेज भी देखे जा रहे और 18,000 मोबाइल नंबरों की जांच की जा रही है
राघवेंद्र ने हाल ही में धान खरीद में भ्रष्टाचार और जमीन खरीद-फरोख्त के मामलों को उजागर करने वाली कई खबरें प्रकाशित की थीं। यह माना जा रहा है कि इन रिपोर्टों के कारण उन्हें जान से मारने की धमकी मिली थी, जिन्हें उन्होंने अपने परिजनों के साथ साझा किया था । क्षेत्र के लोगों में भारी आक्रोश है। राघवेंद्र के परिवार ने उनके अंतिम संस्कार से पहले पुलिस कार्रवाई की मांग की थी। प्रदर्शन के दौरान परिजनों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई थानाप्रभारी और अन्य अधिकारियों ने आईजी रेंज प्रशांत कुमार से मुलाकात कर जमीनी स्थिति की जानकारी ली। उपमुख्यमंत्री ने वादा किया है कि सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा).
हत्या की घटना से पहले के CCTV फुटेज में राघवेंद्र की बाइक के पीछे एक काले रंग की थार कार और दो बाइक सवार युवक दिख रहे उनके पीछे दिख रहे हैं, । यह संकेत देता है कि हमलावर पहले से ही राघवेंद्र का पीछा कर रहे थे).
इस मामले की तात्कालिकता को देखते हुए, पुलिस ने इसके अनावरण के लिए चार विशेष जांच टीमें गठित की हैं। अदालत में मामला त्वरित सुनवाई के लिए भेजा जाएगा, और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी
राघवेंद्र बाजपेई की हत्या एक गंभीर अपराध है जो पत्रकारिता की स्वतंत्रता और सुरक्षा को प्रभावित करता है। यह घटना केवल व्यक्तिगत हानि नहीं है, बल्कि समाज की स्थिति और कानून-व्यवस्था पर प्रश्न उठाती है। मामले की तेजी से सुनवाई और न्याय की उम्मीद की जाती है ताकि ऐसे अपराधों को रोका जा सके।
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