संयुक्त हिन्दू परिवार तथा उसकी सम्पत्ति के विभाजन के विभिन्न तरीके डा. लोकेश शुक्ल कानपुर 9450125954

 संयुक्त हिन्दू परिवार तथा उसकी सम्पत्ति के विभाजन के विभिन्न तरीके डा. लोकेश शुक्ल कानपुर 9450125954संयुक्त हिन्दू परिवार की अवधारणा भारतीय समाज की एक जटिल और समृद्ध परंपरा पर आधारित है, जिसमें परिवार का अर्थ न केवल माता-पिता और बच्चों से होता है, बल्कि इसमें दादाजी, दादी, चाचा, चाची और अन्य सगे-संबंधी भी शामिल होते हैं। यह पारिवारिक ढांचा न केवल पारिवारिक बंधनों...

भारतीय विधि प्रणाली धारा 34 विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम — प्रास्थिति या अधिकार की घोषणा के बारे में न्यायालय का विवेकाधिकार

भारतीय विधि प्रणाली धारा 34 विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम — प्रास्थिति या अधिकार की घोषणा के बारे में न्यायालय का विवेकाधिकार डा. लोकेश शुक्ल कानपुर 9450125954भारतीय विधि प्रणाली में धारा 34 विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम का स्त्रोत एक महत्वपूर्ण प्रावधान है, जो न्यायालय को अधिकार देता है कि वह किसी व्यक्ति द्वारा स्थापित हक या सम्पत्ति के उच्चारण की घोषणा कर सके। यह प्रावधान...

घोषणात्मक आदेश (Declaratory Order) विभिन्न पहलू डा. लोकेश शुक्ल कानपुर 9450125954

घोषणात्मक आदेश (Declaratory Order) विभिन्न पहलूकिसी विशेष विवाद या स्थिति को स्पष्ट करनायाचिकाकर्ता को अपने तर्कों को न्यायालय को  प्रस्तुत करने का अवसर  देता है।आदेश  सामान्यतः बाध्यकारी नहीं डा. लोकेश शुक्ल कानपुर 9450125954घोषणात्मक आदेश (Declaratory Order) न्यायालय द्वारा पारित किया जाने  वाला महत्वपूर्ण कानूनी सिद्धांत है, । इसका...
 संविदा के सामान्य सिद्धांतसंविदा का कानून वाणिज्यिक कानून संविदा का कानून महत्वपूर्ण वाणिज्यिक कानून  है। बिना कानून व्यापार या व्यवसाय व्यवस्थित  चलाना  कठिन व  असंभव हैं।। संविदा का कानून  व्यापार सहित सभी दैनिक व्यक्तिगत लेन-देन पर लागू होता है। हम  प्रत्येक दिन कई संविदाओं में प्रवेश करते । जब कोई व्यक्ति अखबार खरीदता है, बस में यात्रा करता है, सामान खरीदता है, अपने रेडियो की मरम्मत कराता है या पुस्तकालय...